Gorakhpur

Mar 28 2024, 16:21

68 साल की उम्र में अभिनेता अक्षय कुमार के ट्रेनर से हासिल किया ब्लैक बेल्ट, जाने संघर्षों व आत्मबल की अनोखी दास्ता

गोरखपुर। जिस उम्र में लोग बिस्तर पकड़ लेते हैं, बीमारियों से घिर जाते हैं। उस उम्र में शहर की एक बुजुर्ग ग्रहणी ने और लोगों के लिए नजीर पेश किया है, उनकी इस काबिलियत और जज्बे को सभी उम्र के लोग सलाम कर रहे हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं महानगर के राजेंद्र नगर पश्चिम की रहने वाली 68 वर्षीय जागृति वर्मा की, जिन्होंने इस उम्र के पड़ाव में मार्शल आर्ट में ब्लैक बेल्ट हासिल कर यह साबित कर दिया है कि जनून वालों के लिए उम्र बस एक नंबर है। इस आयु में ब्लैक बेल्ट का तमका हासिल करने वाली वह पूर्वांचल की पहली महिला है।

गीत, संगीत की शौकीन जागृति वर्मा ने घुटनों का दर्द दूर करने के लिए योग की शरण ली, योग सिखने के लिए उन्होंने 62 वर्ष की उम्र में योद्धा ट्रेनिंग सेंटर ज्वाइन किया। वहां मार्शल आर्ट सिखाया जा रहा था, केंद्र पर बच्चों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग करते देखा तो उनके मन में भी इसे सीखने की इच्छा जागृत हुई और उन्होंने अभ्यास शुरू कर दिया। बच्चे, युवा और बुजुर्ग के हाथ, पैर, दिमाग व आंख के संतुलन में अंतर होता है। स्फूर्ति व चपलता भी जरूरी होती है। इस वजह से पहले साल थोड़ी झिझक हुई लेकिन लगातार अभ्यास से मुश्किलें आसान होती गई। ब्राउन बेल्ट के लिए जागृति वर्मा दिल्ली गई, वहां परीक्षा हुई और वह ब्राउन बेल्ट से सम्मानित हुई।

उनकी जिज्ञासा यही खत्म नही हुई और उनके मनोबल को उनके पति एमजीपीजी के भौतिक विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ सुबोध चन्द्र वर्मा ने भरपूर प्रोत्साहित किया। उनके व योद्धा मार्शल आर्ट्स क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम किशुन व महिला विंग की प्रमुख अनुप्रिया आनंद ने कड़ा प्रशिक्षण व परिश्रम कराया और फिर ब्लैक बेल्ट के लिए प्रदेश भर के परीक्षार्थी बनारस के सारनाथ पहुंचे। वहां फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार के साथ मार्शल आर्ट सीखने वाले मेहुल बोहरा मुख्य ट्रेनर व अतिथि के रूप में मौजूद थे। उन्होंने परीक्षा ली जिसमें जागृति वर्मा पास हुई और उन्हें मेहुल बोहरा ने ब्लैक बेल्ट से सम्मानित किया।

68 वर्षीय ब्लैक बेल्ट जागृति वर्मा ने बताया कि यह भारतीय शौर्य कला यानी इंडियन मार्शल आर्ट का कमाल है इसके कारण वह उम्र के चौथे पायदान पर पहुंचने के बाद भी मार्शल आर्ट सिख सखी और ब्लैक बेल्ट हासिल कर पाई। इंडियन मार्शल आर्ट काफी सॉफ्ट आर्ट है, इसे 7 साल से लेकर 70 साल तक की उम्र का कोई भी बेहद आसानी से सीख सकता है। भारतीय शौर्य कल हिंसा की बजाय संतुलन सिखाती है, इसमें संपूर्ण योग समाहित है। यही कारण है कि प्राचीन युग में इस सांसारिक लोगों के साथ-साथ बैरागियों ने भी अपनाया था। यह शरीर की आंतरिक और वाहय शक्तियों के जागरण की विधा है, यह कला मानव शौर्य जाग्रत करती है। इस कला के माध्यम से शरीर शक्ति, आत्म शक्ति और मन कि शक्ति को जगा कर प्रचंड शरीर बाल आत्म बल और मनोबल हासिल किया जा सकता है। यह कला मानव को महामानव बनने की विधा है, संसार की उत्पत्ति के साथ ही इस कला की भी उत्पत्ति हुई थी।

मान्यता है कि यह कला भगवान शिव की 16 कलाओं में से एक है। प्राचीन काल में इसे देवी, देवताओं, राजाओं, राजकुमारों और बैरागियों ने अपनाया था। प्राचीन धर्म ग्रंथो में इसका उल्लेखनीय निःयुद्ध के रूप में मिलता है। लड़कियों और महिलाओं के लिए तो यह क्षेत्र अत्यंत विशिष्ट है। नारी सुरक्षा और महिला हिंसा की आज के इस दौर में भारतीय सौर्य कल लड़कियों और महिलाओं को सुरक्षा को और सुरक्षित रखने के साथ ही स्वयं सक्षम भी बन सकता है। हर लड़की महिला को इंडियन मार्शल आर्ट अवश्य सीखना चाहिए नारी समाज को यही मेरा संदेश है।

Gorakhpur

Mar 28 2024, 13:48

अल्लाह का फरमान पूरा करने पर मिलेगा ईद का ईनाम

गोरखपुर। माह-ए-रमज़ान के दूसरे अशरे में रोजेदार सुबह से ही इबादत व क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत शुरु कर रहे हैं, जिसका सिलसिला देर रात तक जारी रह रहा है।

फ़र्ज़, वाजिब व सुन्नत नमाज़ों के अलावा तहज्जुद, इशराक, चाश्त, अव्वाबीन, सलातुल तस्बीह आदि नफ्ल नमाज़ें भी खूब पढ़ी जा रही हैं। सभी के सिरों पर टोपी व हाथों में तस्बीह नज़र आ रही है। मिस्वाक, खजूर व इत्र का खूब इस्तेमाल हो रहा है। रोजेदार दिन में रोज़ा रखकर व रात में तरावीह की नमाज़ पढ़कर अल्लाह का फरमान पूरा कर रहे हैं। अल्लाह का फरमान पूरा करने के बदले में रोजेदारों को ईद का ईनाम मिलेगा। बुधवार को 16वां रोज़ा अल्लाह की हम्दो सना में बीता। करीब 13 घंटा 43 मिनट का लंबा रोज़ा रोजेदारों के सब्र का इम्तिहान ले रहा है।

वहीं गौसे आजम फाउंडेशन के समीर अली, मो. अमन, मो. फ़ैज़, मो. जैद, अली गज़नफर शाह, जैद चिंटू, रियाज़ अहमद, अमान अहमद, मो. वसीम, मो. शारिक, सैफ हाशमी, अहसन खान जरूरतमंद परिवारों में रमज़ान राशन किट बांट कर नेकी कमा रहे हैं।बाजार में रौनक बढ़ गई है। ईद की खरीदारी शुरू हो चुकी है। सेवईयों की बिक्री भी जोर पकड़ चुकी है।

रोज़ा रखने से गुनाह माफ़ होते हैं : मुफ्ती अख्तर

मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी ने कहा कि भूखे-प्यासे रहकर इबादत में खो जाने वाले रोजेदार बंदे खुद को अल्लाह के नजदीक पाते हैं और आम दिनों के मुकाबले रमज़ान में इस क़ुर्बत (करीबी) के एहसास की शिद्दत बिल्कुल अलग होती है, जो आमतौर पर बाकी के महीनों में नहीं होती है। रमज़ान की फज़ीलतों की फेहरिस्त बहुत लम्बी है, मगर उसका बुनियादी सबक यह है कि हम सभी उस दर्द को समझें जिससे दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा रोजाना दो-चार होता है। जब हमें खुद भूख लगती है तभी हमें गरीबों की भूख का एहसास हो सकता है। रमज़ान के महीने में ही कुरआन-ए-पाक दुनिया में उतरा था, लिहाजा इस महीने में तरावीह के रूप में कुरआन-ए-पाक सुनना बेहद सवाब का काम है। रमज़ान का महीना हममें इतना तक़वा (परहेजगारी) पैदा कर सकता है कि सिर्फ रमज़ान ही में नहीं बल्कि उसके बाद भी ग्यारह महीनों की ज़िन्दगी भी सही राह पर चल सके। पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का मशहूर फरमान है कि जिसने ईमान के साथ सवाब की नियत से यानी खालिस अल्लाह की खुशनूदी हासिल करने के लिए रोज़ा रखा उसके पिछले तमाम गुनाह माफ़ फरमा दिए जाते हैं।

इबादत करने से गुनाह माफ होते हैं : मौलाना जहांगीर

सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह के इमाम मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने बताया कि जिसने ईमान के साथ सवाब की नियत से यानी रिया, शोहरत और दिखावे के लिए नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ अल्लाह की खुशनूदी के लिए रात में इबादत के लिए खड़ा हुआ यानी नमाज़े तरावीह और तहज्जुद पढ़ी तो उसके पिछले तमाम गुनाह माफ़ कर दिए जाते हैं। एक और हदीस में है कि जो शख़्स शबे कद्र (21, 23, 25, 27, 29 रमज़ान की रात) में ईमान के साथ और सवाब की नियत से इबादत के लिए खड़ा हुआ यानी नमाज़े तरावीह और तहज्जुद पढ़ी, क़ुरआन की तिलावत की और अल्लाह का ज़िक्र किया तो उसके पिछले तमाम गुनाह माफ़ कर दिए जाते हैं।

पूरे मोहल्ले से कोई भी एतिकाफ़ में नहीं बैठा तो सब गुनाहगार : उलमा किराम

उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर बुधवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलमा किराम ने क़ुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया।

1. सवाल : अगर पूरे मोहल्ले से कोई भी एतिकाफ़ में नहीं बैठा तो क्या सब गुनहगार होंगे? (अकमल, तकिया कवलदह)

जवाब : हां। एतिकाफ़ करना सुन्नत अलल किफाया है अगर पूरे मोहल्ले से कोई भी एतिकाफ़ में नहीं बैठा तो सब गुनहगार होंगे। (मुफ्ती अख्तर हुसैन)

2. सवाल : क्या दौराने एतिकाफ़ मोबाइल का इस्तेमाल किया जा सकता है? (सैफ, तुर्कमानपुर)

जवाब : हां, ज़रूरत की बिना पर इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन मस्जिद के आदाब और दूसरे नमाज़ियों के हुक़ूक़ का ख़्याल रखते हुए। (मौलाना मोहम्मद अहमद)

3. सवाल : बगैर वुज़ू के अज़ान देना कैसा? (आसिफ, जमुनहिया बाग)

जवाब : ऐसा करना मकरूह है लेकिन अज़ान अदा हो जाएगी। (मुफ्ती मेराज)

4. सवाल : क्या सगी खाला (मां की बहन) को ज़कात दे सकते हैं? (अब्दुल, अलीनगर)

जवाब : अगर खाला जकात की मुस्तहिक है तो उन्हें ज़कात दे सकते हैं। (मुफ्ती अजहर)

Gorakhpur

Mar 28 2024, 13:47

*स्ट्रीट बज पर खबर प्रसारित हुई तो गांव में जांच के लिए पहुंचे उप जिलाधिकारी*

खजनी गोरखपुर।बीते दिनों स्ट्रीट बज ने कलवारी गांव में 50 घरों के लोगों के आवागमन के लिए संपर्क मार्ग नहीं बन पाने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस बीच चुनाव आचार संहिता लगते ही अधिकारियों की व्यस्तताएं बढ़ गई साथ ही तत्कालीन एसडीएम खजनी राजू कुमार का स्थानांतरण हो गया और उनके स्थान पर शिवम सिंह ने उप जिलाधिकारी का पदभार संभाला। किंतु खबर को गंभीरता से लेते हुए आज अपने व्यस्ततम् शेड्यूल में समय निकाल कर जांच में पहुंचे उप जिलाधिकारी शिवम सिंह ने गांव में संपर्क मार्ग के निर्माण के लिए सभी संभवनाओं पर गहन विचार विमर्श किया और संबंधित विभागों के अधिकारियों को संपर्क मार्ग का शीघ्र निर्माण कराने का आदेश देते हुए सभी बिन्दुओं पर आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने फसल कटने के बाद संपर्क मार्ग का निर्माण कराने की जानकारी दी।

इस दौरान मौके पर लेखपाल विनोद श्रीवास्तव ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राम स्वरूप निषाद, अवनीश कुमार शर्मा,महेंद्र यादव, विनय शर्मा आदि दर्जनों ग्रामवासी मौजूद रहे।

दरअसल गांव के लोगों के द्वारा चुभते अंदाज में कहा गया था कि 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में भगवान राम का मंदिर तो बन गया लेकिन हमारे गांव का रास्ता आजादी के 76 वर्ष बीतने के बाद भी नहीं बन पाया है। इस जन समस्या को स्ट्रीट बज ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

ग्रामवासियों ने स्ट्रीट बज न्यूज और एसडीएम के प्रति विनम्रता पूर्वक आभार जताया।

Gorakhpur

Mar 27 2024, 18:35

गोरखपुर में सुपर स्टार रवि किशन की फिल्म “महादेव का गोरखपुर” हुआ भव्य प्रीमियर

गोरखपुर सांसद व अभिनेता रवि किशन अभिनीत फिल्म “महादेव का गोरखपुर” भव्य प्रीमियर आज सिटी मॉल, मोहद्दीपुर, गोरखपुर में संपन्न हुआ, जहां रवि किशन खुद मौजूद रहे और उन्होंने फिल्म के बाद लोगों से संवाद भी किया और कहा कि यह फिल्म भोजपुरी सिनेमा इतिहास की सबसे अद्भुत फिल्म है। इस फिल्म को बेहद बारीकी से तराशा गया है, जो दर्शकों को मनोरंजन के उच्च मानदंडों से रूबरू कराएगा। मौके पर रवि किशन के साथ अभिनेत्री मानसी सहगल, इंदु तम्बी,अभिनेता केयान,सिनेपोलिस के सीईओ मयंक श्राफ ,टाइम्स म्यूजिक गौरी यडवालकर उपस्थित थे।

इससे पहले रवि किशन ने गोरखपुर के होटल क्लार्क में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह फिल्म अदभुत बनी हैं। इस फिल्म को हर देशवासियों को देखना चाहिए। ऐसी फिल्में रोज नहीं बनती। यह सिर्फ फिल्म नहीं, कला की एक अनोखी कृति है, जो भारतीय सिनेमा उद्योग को ख्याति को बढ़ाएगा। साथ ही यह भोजपुरी को नई पहचान दिलाएगा। यह पहली फिल्म होगी, जो अमेरिका में भी रिलीज हो रही है। साथ ही देश के बड़े मल्टीप्लेक्स में एक साथ रिलीज होगी। यह सभी कलाकारों के लिए भी उत्साहजनक है। हम दर्शकों से अपील करेंगे कि बाबू इस फिल्म को आप सभी लोग मिलकर 29 मार्च से जरूर देखें।

फिल्म के निर्माता प्रीतेश शाह और सलिल शंकरन ने बताया कि रवि किशन स्टारर फिल्म “महादेव का गोरखपुर” 29 मार्च को रिलीज होने वाली है। यह देश की सभी भाषाओं का सबसे बड़ी थियेटर रिलीज होने वाली फिल्म है। यह भोजपुरी की पहली फिल्म होगी जो पैन इंडिया लगभग 150 से अधिक सिनेमाघरों में रिलीज होगी और इसे सिने पोलिस देशभर में रिलीज कर रही है। उन्होंने बताया कि फिल्म “महादेव का गोरखपुर” अमेरिका के 12 सिनेमाघरों में भी रिलीज होगी। फिल्म यूपी, बिहार, असम और बंगाल की, तो उत्तर प्रदेश में 52, बिहार में 72 और बंगाल व असम में 23 सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है।

वहीं फिल्म के निर्देशक राजेश मोहन ने बताया कि फिल्म “महादेव का गोरखपुर” को हमने बिग स्केल पर बनाया है। यह फिल्म भोजपुरी सिनेमा जगत की अबतक की सबसे अद्भुत फिल्म है, जैसा कि रवि किशन ने बताया। इसके अलावा फिल्म में दर्शकों को बहुत नयापन देखने को मिलेगा। उम्मीद है यह फिल्म देश भर में लोगों को पसंद आएगी।

आपको बता दें कि फिल्म “महादेव का गोरखपुर” के सह-निर्माता अरविंद सिंह और अमरजीत दहिया हैं। कार्यकारी निर्माता शंकर नारायणन हैं। इस फिल्म का ट्रेलर 3 मिनट और 9 सेकेण्ड का है, जिसने फिल्म के लिए माहौल बना दिया है। फिल्म "महादेव का गोरखपुर" के प्रस्तुतकर्ता सी सी शाह एंड संस हैं। फिल्म का म्यूजिक राईट जंगली म्यूजिक के पास है। कहानी साई नारायण ने लिखी है। पी आर ओ पवन दुबे व रंजन सिन्हा हैं। डीओपी अरविंद सिंह हैं। म्यूजिक अगम अग्रवाल और रंजिन राज का है। एक्शन फैंटम प्रदीप का है। कोरियोग्राफी संतोष ने की है। लाइन प्रोड्यूसर अखिलेश राय हैं।

Gorakhpur

Mar 27 2024, 18:34

तीसरे दिन पोखरे में डूबे युवक का शव मिला,पुलिस और एसडीआरएफ टीम ने बरामद किया

खजनी गोरखपुर।थाने की उनवल चौकी क्षेत्र के भिउरी गांव के कोटिया पोखरे में होली के दिन अपराह्न डूबे युवक का शव तीसरे दिन बरामद हुआ।मिली जानकारी के अनुसार गोरसैरा विश्वनाथपुर का निवासी लालू अपने दर्जन भर साथियों के साथ होली खेलने के बाद पोखरे में नहाने गया था। जहां गहरे पानी में डूब गया। देर शाम तक घर वापस नहीं लौटने पर उसे तलाश किया गया लेकिन कहीं पता नहीं चला। घटना की सूचना मिलने पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने गोताखोरों की मदद से देर तक तलाश की लेकिन युवक का शव बरामद नहीं हुआ।

आज सबेरे पानी में शव फूलने के बाद उसका चेहरा पोखरे की सतह पर नजर आया तो पुलिस को सूचना दी गई। चौकी इंचार्ज सोनेंद्र सिंह ने ग्रामीणों और एसडीआरएफ के गोताखोरों की मदद से शव को बाहर निकाल कर पंचनामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।बताया गया कि मृतक लालू तीन भाइयों में सबसे छोटा था।मेहनत मजदूरी करने वाला लालू मिलनसार और व्यवहारिक था।मझले भाई ननकू ने बताया कि अभी 15 दिन पहले ही वह पिता बना था, जिसे लेकर वह बेहद उत्साहित था। युवक की आकस्मिक मौत से परिवारजन सदमे में हैं।

Gorakhpur

Mar 27 2024, 18:33

पारंपरिक रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई होली

खजनी गोरखपुर।क्षेत्र में होली का पर्व पारंपरिक रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।सभी ने अपने घरों में पकवान बना कर एक दूसरे को खिलाए। अबीर गुलाल और रंग लगा कर होली मनाई। गांवों ढोल नगाड़ों के साथ पारंपरिक लोक गीत फगुआ और कबीरा तथा पारंपरिक होली गीत गाते हुए सभी गांवों कस्बों में होली मनाई गई। गांवों में होली का हुड़दंग सबेरे से लगायत पूरे दिन चलता रहा।

वहीं सोशल मीडिया के जरिए होली का बधाई संदेश तथा फोटो वीडियो बना कर संबंधियों मित्रों को भेजने का ‌‌‌‌‌‌‌‌‌सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। क्षेत्र में कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई स्थानीय प्रशासन शांति सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में सक्रिय रहा।

Gorakhpur

Mar 27 2024, 12:20

अल्लाह की इबादत में गुजरा 15वां रोज़ा

गोरखपुर। मग़फिरत यानी गुनाहों से माफ़ी का अशरा चल रहा है। अल्लाह के बंदे इबादत कर रो-रो कर अपने गुनाहों की माफ़ी मांग रहे हैं। अल्लाह के फ़ज़ल व करम से 15वां रोजा खैर के साथ गुजर गया। अल्लाह के बंदे सदका, जकात व खैरात जरुरतमंदों तक पहुंचा रहे हैं। मस्जिदों में नमाज़ियों की कतारें नज़र आ रही हैं। घरों में भी इबादत का दौर जारी है। मुकद्दस कुरआन-ए-पाक की तिलावत हो रही है।

रमज़ान में अल्लाह की रहमत रूपी बारिश इंसान को पाक-साफ कर देती है : हाफिज सैफ

मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर के शिक्षक हाफिज सैफ अली इस्माईली ने बताया कि जिस तरह बारिश के मौसम में आसमान से गिरने वाली बूंदें एकजुट होकर तमाम गंदगी और कूड़े-करकट को किनारे लगा देती हैं, वैसे ही रमज़ान के महीने में अल्लाह की रहमत रूपी बारिश इंसान को पाक-साफ कर देती है। रमज़ान के पाक महीने में अल्लाह अपने बंदों पर खूब रहमतों की बारिश करता है। रमज़ान में 30 दिन तक इस बात की मश्क़ (अभ्यास) करायी जाती है कि जो काम तुम्हारे लिए जायज़ है, उसके लिए भी तुम खुद को रोक लो। तब इंसान यह महसूस करने लगता है कि जब मैं हलाल कमाई से हासिल किया गया खाना और पानी इस्तेमाल करने से खुद को रोक सकता हूं तो गलत काम करने से क्यों नहीं रोक सकता हूं। इंसान अक्सर यह सोचता है कि वह चाहकर भी खुद को गुनाह करने से रोक नहीं पाता, मगर यह उसकी गलतफहमी है। रमज़ान उसे इसका एहसास कराता है।

एनीमा लगवाने से रोज़ा टूट जाता है : उलमा किराम

उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर मंगलवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलमा किराम ने क़ुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया।

1. सवाल : नमाज़े इशा से पहले तरावीह पढ़ना कैसा? (नवाज, जाफरा बाजार)

जवाब : इशा की फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ने के बाद ही तरावीह का वक्त होता है बगैर फर्ज़-ए-इशा पढ़े तरावीह पढ़ना दुरुस्त नहीं अगर किसी शख़्स की नमाज़े इशा छूट गई हो तो पहले इशा की फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ ले फिर तरावीह में शरीक हो और आखिर में तरावीह की जो रकातें छूटी हों उन्हें खुद से पढ़ कर बीस रकअतें पूरा कर ले। (मुफ्ती अख्तर)

2. सवाल : क्या एनीमा लगवाने से रोजा टूट जाता है? (महमूद, बक्शीपुर)

जवाब : हां। एनीमा लगवाने से रोज़ा टूट जाता है। (मुफ्ती मो. अजहर)

3. सवाल : औरतों का रोज़े की हालत में लिपस्टिक लगाना कैसा? (यासमीन, बसंतपुर)

जवाब : जायज है बशर्ते कि उसके जर्रात मुंह में न जाएं। इसी तरह चेहरे या होंठों पर कोई लोशन या क्रीम से भी रोज़े पर कोई असर नहीं पड़ता। ताहम बचना बेहतर है। (मुफ्ती मेराज)

4. सवाल : क्या रोज़े की हालत में आंखों में लेंस लगवा सकते हैं? (अतीक, रेती)

जवाब : हां लगवा सकते हैं इससे रोज़े पर कोई असर नहीं पड़ेगा। (मौलाना जहांगीर)

Gorakhpur

Mar 26 2024, 15:52

शोक-संताप में नहीं, उत्साह और उमंग में विश्वास करता है सनातन धर्म : सीएम योगी

गोरखपुर। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन धर्म शोक-संताप में नहीं बल्कि उमंग और उत्साह में विश्वास करता है। होली का पर्व इसी का संदेश देता है।

इस पर्व में समरस समाज की स्थापना का भाव निहित है तो साथ ही यह संदेश भी है कि सनातन धर्म सह अस्तित्व में, वसुधैव कुटुम्बकम और सर्वे संतु निरामया में विश्वास करता है।

सीएम योगी मंगलवार को होली के पवित्र पर्व पर घंटाघर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व श्री होलिकोत्सव समिति की ओर से निकलने वाली "भगवान नरसिंह की रंगभरी शोभायात्रा" के शुभारंभ अवसर पर उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।

सभी नागरिकों को होली की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि होली का पर्व उत्साह और उमंग का है। उत्साह और उमंग सुरक्षित, सुखी और समृद्ध समाज में होता है। हमारा समाज सुरक्षित और समृद्ध है, इसीलिए हम सभी उत्साह और उमंग से होली की हजारों वर्षों पुरानी परम्परा को मनाने के साथ अपनी इस विरासत के प्रति कृतज्ञता भी व्यक्त कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सनातन धर्म पर जब भी कोई संकट आया, समाज में दुष्प्रवृत्तियां बढ़ीं तो कोई ना कोई ईश्वरीय अवतार भी हुआ है और दुष्प्रवृत्तियों को दूर कर समाज आगे बढ़ता रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि होली का त्यौहार समतामूलक और समरस समाज की स्थापना का भी संदेश है। आपसी वैरभाव को समाप्त कर, सत्य-न्याय के मार्ग पर चलकर ही हम समाज को शक्तिशाली बना सकते हैं। जहां विभाजन होगा वहां समाज शक्तिशाली नहीं हो सकता।

सीएम योगी ने कहा कि इस बार की होली पर उत्साह और उमंग एक नई ऊंचाई पर है। अयोध्या में 495 वर्ष बाद रामलला ने भी होली खेली और आशीर्वाद व कृपा लोगों पर बरसाई। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि बीमार व्यक्तियों को और जो मना करे, उसे रंग न लगाएं। साथ ही नब्बे वर्ष से अधिक समय से निकलने वाली भगवान नरसिंह की रंगभरी शोभायात्रा के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तारीफ की।

सीएम ने उतारी भगवान नरसिंह की आरती, जमकर खेली होली

लोगों को होली की बधाई देने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान नरसिंह की विधि विधान से आरती उतारी। उन्हें नारियल, गुझिया के साथ फूल, रंग, अबीर, गुलाल अर्पित किया। भगवान नरसिंह की पूजा करने के बाद योगी पूरी तरह होलीयाना मूड में आ गए। उन्होंने लोगों के ऊपर जमकर फूल की पंखुड़ियां, अबीर, गुलाल पंखुड़ियां उड़ाईं। देखते ही देखते योगी समेत समूचा जनमानस रंगों में सराबोर हो गया। इस दौरान जय श्रीराम के नारों के बीच उत्सवी उल्लास आसमान पर था।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक डॉ महेंद्र अग्रवाल, प्रांत प्रचारक रमेश जी, सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ओम जालान, सुरजीत, आत्मा जी, श्री होलिकोत्सव समिति के अध्यक्ष मनोज जालान, काशी से आए महामंडलेश्वर संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास आदि भी मौजूद रहे।

Gorakhpur

Mar 24 2024, 10:02

रमज़ान सब्र, भलाई, रहमत व बरकत का महीना


गोरखपुर। माह-ए-रमज़ान सब्र, भलाई, रहमत और बरकत का महीना है। रमज़ान में मुसलमान गरीब, असहाय और जरूरतमंदों का ख्याल रख कर उनकी मदद कर रहे हैं। रमज़ान में अल्लाह अपने बंदों के गुनाहों को माफ कर उन्हें जहन्नम से आजादी का परवाना अता करता है। माह-ए-रमज़ान की सुबह-शाम खैर व बरकत में गुजर रही है। अल्लाह के करम से शनिवार को 12वां रोजा मुकम्मल हो गया। तरावीह की नमाज़ का सिलसिला जारी है। कई मस्जिदों में तरावीह नमाज़ के दौरान एक कुरआन-ए-पाक मुकम्मल हो चुका है। मस्जिदों में रमज़ान का विशेष दर्स जारी है। पूरी दुनिया में अमनो अमान की दुआ मांगी जा रही है। रमज़ान का मुबारक महीना और फिजा में घुली रूहानियत से दुनिया सराबोर हो रही है, ऐसा लगता है कि चारों तरफ नूर की बारिश हो रही हो। साढ़े छह गली नखास में इत्र व टोपी की खूब बिक्री हो रही है। अख्तर आलम ने बताया कि रमज़ान में उनके यहां तमाम तरह के इत्र व अलग-अलग किस्म की टोपियां बिक रही हैं।

नेक राह पर चलने का मौका देता है रमज़ान : हाफिज रहमत

सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाजार के इमाम हाफिज रहमत अली निजामी ने कहा कि आज हम एक ऐसे दौर से गुज़र रहे हैं जहां इंसानियत दम तोड़ती नज़र आ रही है लोगों पर खुदगर्ज़ी हावी होती जा रही है ऐसे में रमज़ान खुद की खामियों को दूर कर नेक राह पर चलने का मौका देता है। रमज़ान में चाहे दीन हो या फिर दुनिया दोनों संवरती है। रोज़ेदार अपनी आदतों की विपरीत अल्लाह के हुक्म का पूरी तरह पाबंद हो जाता है। समय पर सहरी और इफ्तार करता है। अल्लाह को राज़ी करने के लिए रोज़े की हालत में भूख और प्यास बर्दाश्त करना मुसलमानों को सब्र सिखाता है। इंसान जब भूखा प्यासा होता है तो उसका नफ़्स सुस्त और कमज़ोर होकर गुनाहों से बचा रहता है। उसे इबादत में लुत्फ आने लगता है। जब अल्लाह की बारगाह में इबादत कुबूल होती है तो बंदों की दुआ भी कुबूल होने लगती है। रोज़े की हालत में अपने शरीर के हर हिस्से जैसे आँख, जुबान, कान और दिल की हिफाज़त करता है। रमज़ान बंदों को अच्छाई का अभ्यास कराता है, ताकि ग्यारह माह भी इसी तरह गुजर जाए।

अल्लाह को राज़ी करने का महीना है रमज़ान : मोहम्मद अहमद

गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर के इमाम मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी ने कहा कि इस्लामी बारह महीनों में रमज़ान को सबसे ज़्यादा अहमियत हासिल है, क्योंकि अल्लाह ने अपने बंदों के लिए रमज़ान में बेपनाह बरकत और रहमत अता की है। रमज़ान हर ऐतबार से खास है कि बंदा परहेज़गार बन जाए। तक़वा अख़्तियार कर ले, क्योंकि जब इंसान के अंदर डर पैदा हो जाता है तो वह हलाल व हराम की तमीज़ करने लगता है। रमज़ान में कोई शख्स किसी नेकी के साथ अल्लाह का करीबी बनना चाहे तो उसको इस क़दर सवाब मिलता है गोया उसने फ़र्ज़ अदा किया। जिसने रमज़ान में फ़र्ज़ अदा किया उसको सवाब इस क़दर है गोया उसने रमज़ान के अलावा दूसरे महीनों में सत्तर फ़र्ज़ अदा किए। यह एक ऐसा महीना है कि जिसमें मोमिन का रिज्क बढ़ा दिया जाता है। जो इसमें किसी रोजेदार को इफ्तार कराए तो उसके गुनाह माफ कर दिए जाते हैं और उसकी गर्दन जहन्नम की आग से आज़ाद कर दी जाती है। यह महीना बंदे को तमाम बुराइयों से दूर रखकर अल्लाह के करीब होने का मौका देता है। इस माह में रोज़ा रखकर रोजेदार न केवल खाने-पीने कि चीजों से परहेज करते हैं बल्कि तमाम बुराइयों से भी परहेज कर अल्लाह की इबादत करते हैं।

नमाज़े तरावीह औरतों के लिए भी लाज़िम है : उलमा किराम

उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर शनिवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए।

1. सवाल : क्या नमाजे तरावीह औरतों के लिए भी लाज़िम है? (अफरोज, सैयद आरिफपुर)

जवाब : जी हां। नमाज़े तरावीह औरतों के लिए भी सुन्नते मुअक्कदा (लाज़िम) है। (मौलाना मोहम्मद अहमद)

2. सवाल : रोज़े की हालत में वुजू करते समय पानी हलक से नीचे उतर जाए तो? (नसीम, बसंतपुर)

जवाब: अगर रोज़ादार होना याद था और ये गलती हुई तो रोज़ा टूट जाएगा। (मुफ्ती अजहर)

3. सवाल : जकात की रकम किस्तों में दे सकते हैं? (सेराज, गाजी रौजा)

जवाब : साल पूरा होने के बाद बिला उज्र ताखीर करना मकरूह है। हां अगर कोई शदीद मजबूरी हो कि रकम इकठ्ठी नहीं दे सकता तो किस्तों में भी देने से अदा हो जाएगी। (मुफ्ती मेराज)

Gorakhpur

Mar 24 2024, 10:00

*बेल तोड़ने में मारपीट गैर इरादतन हत्या के प्रयास,एससी एक्ट का केस*

खजनी गोरखपुर।।थाना क्षेत्र के छपियां गांव में महिला की शिकायत पर, बेल तोड़ने के दौरान मारपीट की घटना में पुलिस ने गैर इरादतन हत्या और एससी एक्ट की धारा में केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

छपियां गांव के निवासी तिलकधारी की पत्नी गुड्डी ने थाने में दी गई तहरीर में बताया कि उनका बेटा किसन भैंस चराने कृष्ण प्रताप सिंह के बगीचे की तरफ गया था। गांव के कुछ लड़के बेल तोड़ रहे थे। कृष्ण प्रताप सिंह के बेटे उत्कर्ष सिंह ने गाली देते हुए उन्हें खदेड़ा तो सब भाग गए। उत्कर्ष ने उनके बेटे किसन को पकड़ लिया और उसे लात घूंसों से मारने पीटने लगे, सूचना मिलने पर बेटे के बचाव में मौके पर पति पत्नी के पहुंचने पर मां बेटे ने उन्हें भी मारा-पीटा।

खजनी पुलिस ने घायल किसन को गोरखपुर सदर अस्पताल में इलाज के लिए भेजा तथा आरोपित मां और बेटे के खिलाफ मारपीट गैर इरादतन हत्या के प्रयास,जानमाल की धमकी तथा एससी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज कर घटना की पड़ताल शुरू कर दी है।